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Monday, August 20, 2007
३१-१-२००७
राज़ को राज़ रहने दीजिये,
जो भी हो ऐतराज़ रहने दीजिये।
जब दिल से दिल मिलना चाहे,
तो ये मत कहना कि आज रहने दीजिये॥
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