skip to main
|
skip to sidebar
.
Monday, August 20, 2007
२९-१-२००७
कदम यूं ही डगमगा गए,
वरना संभलना हम भी जानते थे।
ठोकर लगी उस पत्थर से,
जिसे अपना मानते थे॥
Newer Post
Older Post
Home
Blog Archive
▼
2007
(21)
▼
August
(21)
आदाब
२-२-२००७
१-२-२००७
३१-१-२००७
३०-१-२००७
२९-१-२००७
२८-१-२००७
२७-१-२००७
२६-१ २००७
२५-१-२००७
२४-१-२००७
२३-१-२००७
२२-१-२००७
२१-१-२००७
१०-१-२००७
९-१-२००७
८-१-२००७
७-१-२००७
६-१-२००७
५-१-२००७
४-१-२००७
About Me
dare dev
View my complete profile