Monday, August 20, 2007

८-१-२००७

लबों पे आज उनका नाम आ गया,
प्यासे के हाथ जैसे जाम आ गया।
डोले कदम तो गिरा उनकी बाँहों में जाकर,
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया॥